भारतीय फिल्म उद्योग ने अपने एक महान बैकस्टेज कलाकार को खो दिया है। विक्रम गायकवाड़, जो हिंदी, मराठी और दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक प्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट थे, का निधन 10 मई 2025 को मुंबई में हुआ। उनकी उम्र 65 वर्ष थी।
विक्रम गायकवाड़ की विशेषता थी कि वे अभिनेताओं को शक्तिशाली पात्रों में बदलने की अद्भुत क्षमता रखते थे। उनका काम भारतीय सिनेमा की कुछ सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों की दृश्य कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उन्होंने Dangal, PK, Sanju और Uri: The Surgical Strike जैसी फिल्मों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे काल्पनिक और वास्तविक जीवन के पात्रों को अद्भुत यथार्थता के साथ जीवंत किया।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गायकवाड़ के निधन की पुष्टि की और उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उन्हें 'एक जादूगर' कहा, जो पात्रों को सिल्वर स्क्रीन पर जीवित करते थे। शिंदे ने कहा कि गायकवाड़ का जाना सिनेमा और कला की दुनिया के लिए 'एक अपूरणीय क्षति' है। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया उसी दिन शाम 4:30 बजे दादर, मुंबई के शिवाजी पार्क शमशान घाट पर आयोजित की गई। उनके निधन का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
विक्रम गायकवाड़ की सिनेमा में यात्रा की शुरुआत फिल्म Sardar से हुई थी। उन्होंने अपने करियर में सात बार नेशनल फिल्म अवार्ड जीते, जो उनके उत्कृष्टता और कला के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उनकी विशेष शैली ऐतिहासिक सटीकता और कलात्मकता का मिश्रण थी, विशेषकर ऐतिहासिक नाटकों और जीवनी पर आधारित फिल्मों में।
हिंदी सिनेमा में उनके योगदान में कई लोकप्रिय और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्में शामिल थीं, जैसे Panipat, Bell Bottom, Blackmail, Super 30, Kedarnath, Thugs of Hindostan, Omkara, Delhi-6, 3 Idiots, Kaminey, Ishqiya, और Bhaag Milkha Bhaag। प्रत्येक प्रोजेक्ट में मेकअप का काम पात्रों को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
विक्रम गायकवाड़ को मराठी सिनेमा में भी समान रूप से सराहा गया, जहां उन्होंने Balgandharva, Ani… Dr. Kashinath Ghanekar, Lokmanya, Katyar Kaljat Ghusali, Fatteshikast, Pawankhind, और Sher Shivraj जैसी ऐतिहासिक नाटकों पर काम किया। उनका काम थिएटर में भी फैला हुआ था, विशेष रूप से प्रसिद्ध नाटक Janata Raja में, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को दर्शाता है। विक्रम गायकवाड़ का निधन एक युग का अंत है। वे केवल एक मेकअप आर्टिस्ट नहीं थे, बल्कि एक मौन कहानीकार थे, जिन्होंने दर्शकों को स्क्रीन पर बनाए गए पात्रों और दुनियाओं में विश्वास दिलाने में मदद की।
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